You must have noticed that mobile apps and news portals running parallel to the conventional newspapers have opened new doors. The preference of internet-based smart TVs, YouTube, Facebook, Instagram, Netflix, etc. over D2H connection TVs is saying something. Questions are being raised on mainstream journalism. In such situations, an increase in the use of social media is giving new signs.
What started for fun, social media platforms are now balancing out by working as a platform for news dissemination and serious discussions. Many new web channels, especially video channels are fast emerging, thanks to the new technical platforms on the internet. Now, even TV news channels and newspapers are trying to make their presence felt on these online platforms with the resources available to them. However, their questionable image is proving to be a roadblock.
Here we will talk about opportunities of journalism on these new internet-based media platforms. This form of journalism has two major requirements: audio-visual medium to prove the credibility of content and simple tools available for them.
Earlier, people used to trust anything they saw published in a newspaper. The times have changed now. Today things are different, the same news can have two completely opposite perspectives in two different newspapers.
The changing leadership of media groups, the commercial approach to news and business running on the backend are major reasons behind this mistrust.
Instead of going into its detailed explanation, today we can safely claim that these social media platforms can fill the void created due to 'Deteriorating Credibility' of Conventional Journalism. Fast emerging platforms like YouTube, Instagram, and Facebook are proving this immensely. The D2H connections being replaced by smart TV and newspapers being replaced by news apps and websites are examples. Today we can say that the media industry needs to acquire a new set of technical and professional skills. If you are a multi-dimensional professional in the field of journalism, you will be on our priority list. Keeping this concept in mind, we have started this video news professional training course.
क्यों जरूरी है यह विडियो न्यूज प्रोफेशनल ट्रेनिंग कोर्स?
आप भी गौर कर रहे होंगे कि पारंपरिक अखबारों द्वारा समानान्तर चलाया जा रहा मोबाइल न्यूज ऐप्स, न्यूज पोर्टल्स एक नई राह शुरू कर चुका है। डी2एच लाइनों वाले टीवी सेटों की जगह इंटरनेट बेस्ड स्मार्ट टीवी, युटॅ्युब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, नेटफ्लक्सि, आदि.. का बढ़ता चलन कुछ कह रहा है। मुख्यधारा की पत्रकारिता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया की बढ़त नये संकेत दे रहे हैं।
हंसी ठिठोली से शुरू होकर सूचना संप्रेशन और अब धीरे-धीरे गंभीर संवाद को समेटे यही सोशल मीडिया हालात को संतुलित करने की कोशिश में है। इंटरनेट के नये तकनीकी प्लेटफॉर्म के जरिये कई नये वेब चैनल्स, खासकर वीडियो चैनल्स, तेजी से उभरते दिख रहे हैं। यही नहीं, वे टीवी, अखबार भी अपने पहले से उपलब्ध संसाधनों के बूते इसी इंटरनेट मीडिया पर जगह बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उनके लिए बाधा बन रही है सवालों से घिरी उनकी पुरानी छवि।
बहरहाल, यहां हम बात करेंगे इंटरनेट आधारित इस नये मीडिया प्लेटफॉर्म पर पत्रकारिता की नई संभावनाओं की। दो खास बातें उल्लेखनीय हैं। पहला, कन्टेन्ट की क्रेडिबिलिटी को पुष्ट करता डिजिटल ऑडियो विजुअल मीडियम और और दूसरा, इसके लिए सहज उपलब्ध टूल्स।
कल तक आप रिपोर्टरों के मिजाज और नीयत पर भरोसा करके अखबारों में छपे शब्दों को ब्रह्मवाक्य समझ लिया करते थे। आज वैसा नहीं है। एक ही खबर पर दो अलग-अलग अखबारों का नजरिया अलग दिखता है, और कई बार तो बिल्कुल विपरीत।
अखबार समूहों और मीडिया कंपनियों के बदल रहे मालिकाना चेहरे, परोक्ष में चल रहे उनके कमाऊ व्यापारिक जाल एक पुष्ट वजह है इस संदेह के।
इसकी विस्तृत विवेचना में जाने की बजाय अपने अुनभवों के आधार पर हम दावा कर सकते हैं कि यही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स उस डेटोरिरेटिंग क्रेडिबिलिटी वाले कन्वेन्शनल जर्नलिज्म के कारण पैदा हो रही शून्यता को भर सकते हैं। युट्युब, इन्स्टाग्राम, फेसबुक जैसे तेजी से जगह बना चुके प्लेटफॉर्म्स इसे साबित कर रहे हैं। टीवी चैनल्स के डीटूएच के कटते कनेक्शन्स और उसकी जगह इंटरनेट वाले स्मार्ट टीवी, अखबारों के प्रसार में ठहराव और उनकी जगह ले रहे न्यूज ऐप्स व वेबसाइट्स इसके उदाहरण हैं। कुल मिला कर हम यह कहने की स्थिति में हैं कि मीडिया इंडस्ट्री को नई तकनीक से लैस प्रोफेशनल्स की जरूरत है। और अगर आप जर्नलिज्म के मल्टी डायमेन्शनल प्रोफेशनल हैं.. या यों कहें, कई विधाओं पर पकड़ रखते हैं तो प्राथमिकता सूची में आप शीर्ष पर होंगे। कुछ इसी अवधारणा को ध्यान में रखकर हमने शुरू किया है यह विडियो न्यूज प्रोफेशनल ट्रेनिंग कोर्स।